09, Apr 2024
प्रिय अभिभावक, स्कूल के अलावा बच्चों को ट्यूशन पढ़ने के लिए भेजना आजकल एक प्रचलन हो गया है । मेरा मानना है कि स्कूल में नियमित कक्षाएँ लेने के बाद भी अगर किसी बच्चे को ट्यूशन की आवश्यकता पड़ रही है तो हमें कारण का विचार अवश्य करना चाहिए । कुछ बच्चे और उनके अभिभावक तो 2-3 ट्यूशन पढ़ाने के लिए भी तत्पर रहते हैं और विडंबना की बात यह है कि ट्यूशन पढ़ने के बाद भी यदि बच्चे कि शैक्षिक प्रगति नहीं हो रही होती तो भी ट्यूशन का कार्य जारी रहता है । छोटे बच्चों को स्कूल का कार्य पूरा करने में सहायता की आवश्यकता होती है, जिसे पूरा करने में माता- पिता या घर का कोई बड़ी कक्षा का बच्चा अपना योगदान दे सकता है । कक्षा 6 से ऊपर बच्चा खुद भी समझदार हो जाता है, और जो बात समझ में नहीं आती है, उसको अपने स्कूल टीचर से पूछ भी सकता है । मेरा आपसे अनुरोध है कि बच्चों को अनावश्यक ट्यूशन के लिए भेजने के बजाए, उनको इस बात के लिए प्रेरित करें कि वो अपनी समस्याओं को स्कूल टीचर से खुले मन से पूछें । मेरा आपको आश्वासन है कि स्कूल अध्यापक अपने विषय से संबन्धित प्रत्येक बच्चे की समस्या का गंभीरता से समुचित समाधान करेंगें। यदि कोई अध्यापक बच्चे की समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं अथवा ट्यूशन के लिए प्रेरित करते हैं, तो आप गोपनीय रूप से मुझे सूचित कर सकते हैं । समस्त प्रयासों के बावजूद यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को ट्यूशन की विशेष आवश्यकता है, और स्कूल अध्यापक से ही आप ट्यूशन दिलाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको मेरे कार्यालय से बच्चे को स्कूल अध्यापक से ट्यूशन पढ़वाने की अनुमति लेनी पड़ेगी तथा स्कूल ट्रांसपोर्ट प्रयोग करने वाले किसी भी बच्चे को ट्यूशन इत्यादि के लिए स्कूल से नहीं भेजा जाएगा । सादर दीपक कुमार धीमान प्रधानाचार्य